A King Was Growing Old – छोटी सी कहानी एक राजा बूढ़ा हो चला था (A King Was Growing Old) किसी ने बड़े कमाल की बात कही है कि सौभाग्यशाली होते हैं वह लोग जिन्हें समय और समझ साथ मिल जाते हैं, क्योंकि अक्सर समय पर समझ नहीं आती और जब तक समझ आती है। तब तक समय निकल चुका होता है।
दोस्तों मेरा नाम परवीन शर्मा है और मै आपके लिए छोटी सी कहानी एक राजा बूढ़ा हो चला था (A King Was Growing Old ) उम्र के इस पड़ाव में उत्सव मनाना चाहता था अपने मित्र देश के राजाओं को बुलाना चाहता था, बड़ा कार्यक्रम करना चाहता था।
उस कार्यक्रम की शोभा बढ़ाने के लिए उसने अपने राज्य की जो सबसे प्रसिद्ध नर्तकी को बुलाया और उस कार्यक्रम में उसने अपने गुरुदेव को भी बुलाया।
गुरु जी तय समय पर आये और कार्यक्रम शुरू हुआ। उस राजा ने अपने गुरुदेव को कुछ स्वर्ण मुद्राएं दी, कि आप भी इस नर्तकी को पुरस्कृत कर दीजिएगा, शानदार सा रंगारंग प्रोग्राम चलने लगा। दरबार में जो राजा की बिटिया थी राजकुमारी वो भी वहीं बैठी हुई थी।
जो राजा का बेटा था। उसको युवराज घोषित कर दिया गया था। वो वहीं बैठा हुआ था। कार्यक्रम चल रहा था, हर कोई इस परफॉर्मेंस पर ताली बजा रहा था, कार्यक्रम चलते चलते रात के तक़रीबन 3:30 बज गए। Best motivational story in hindi
नर्तकी ने दोहा क्यों पड़ा (Why did the dancer say couplet?)
उस नर्तकी ने देखा कि उसका तबला बजाने वाले को नींद आने लगी थी, तभी नर्तकी ने वहा भरी सभा में एक दोहा पड़ा।
नर्तकी ने कहा:-
bahu biti, thodi rahi, pal-pal gaee bihaay, ek palak ke kaaran se, kyon kalank lag jae
यानी कि एक बार झपकी लग गई तो फिर सबको पता लग जाएगा तबले वाले को जगाना चाहती थी, कि भाई जागो इतने अच्छे से सब कार्यक्रम हो रहा है, तो तुम क्या गड़बड़ कर रहे हो राजा को अगर पता चल गया तो तुम्हारे साथ-2 मुझे भी दंड मिलेगा।
तब अचानक से तबले वाला चौंक गया और ढंग से अपना तबला बजाने लगा, होश में आ गया।
दोहे का अर्थ सब ने अलग-अलग क्यों निकाला (Dohe ka arth sab ne alag-alag kyon nikaala)
लेकिन इस दोहे का अर्थ सब ने अलग-अलग निकाला। कमाल यह हुआ कि वहीं पर जो गुरुदेव बैठे थे, उनके पास जितनी स्वर्ण मुद्राएं थी सभी को लेजाकर उस नर्तकी को दे दिया।
जो राजकुमारी बैठी थी उसने भी अपना नौलखा का हार जो उसने पहना हुआ था हाथों लिकाल कर उस नर्तकी को गिफ्ट कर दिया।
युवराज जो वहा बैठा हुआ था उसने भी अपना हीरों से जड़ा मुकुट निकालकर उस नृतकी को दे दिया।
राजा वहां सिंहासन पर बैठा-2 सब देख रहा था, राजा चौंक गया कि नर्तकी क्या कर रही है, एक दोहा बोल कर के सब को पागल बना कर लूट रही है।
एक राजा बूढ़ा हो चला था | A King Was Growing Old
राजा ने गुस्सा क्यों किया (Why did the king get angry?)
राजा ने परफॉर्मेंस रुकवा दी, और नर्तकी से कहने लगा क्या कर रही हो, तुमने एक दोहा बोला और इन सबको लूट लिया।
यह गलत है, राजा शायद अगला शब्द बोल ही पाता की इसको बंदी बना लो, तभी सभा में बैठे राजा के गुरू जी ने कहा बस-2 शांत हो जाओ राजन।
इस नर्तकी ने बहुत सही बोला, क्योंकि उसने जो बोला उसका सबने अपना अलग-2 मतलब निकाला था।
राजा के गुरुजी ने भरी सभा में कहा की उसका मतलब यह निकला कि मैं क्या कर रहा हूं, मै जंगल में था, तपस्या कर रहा था। पूरी जिंदगी पूरी उम्र और उम्र के इस पड़ाव में तुमने कहा कि यहाँ आ जाओ।
और स्वर्ण मुद्राओं से नर्तकी को पुरस्कृत कर देना, मै उसको पुरस्कार दे रहा था, यह मै क्या पाप कर रहा था।
मैं इस नृत्य में आई हुई इस नर्तकी का दिल से शुक्रिया अदा कर रहा था, इस नृत्य के दोहे ने मुझे जगा दिया, मुझे बता दिया कि मुझे कहां होना चाहिए यहाँ नहीं होना चाहिए।
राजा के गुरूजी अपना कमंडल लेकर चल पड़े।
राजकुमारी ने नोलखा हार क्यों दिया (Why did the princess give away Nolakha necklace?)
राज कुमारी ने कहा की पिताजी मैंने भी इस दोहे का मतलब अपने हिसाब से निकाल है, मैं आज आपको बताती हूं मेरी उम्र हो चली है।
लेकिन आप मेरा विवाह नहीं करवा रहे है, मैं आज की रात आपके महावत के साथ भागने वाली थी।
लेकिन नर्तकी के इस दोहरे ने मुझे समझाया कि बहु बीती थोड़ी रही, थोड़ा समय बचा है, हो जाएगी जल्दी शादी।
इस एक गलती की वजह से आप पर क्यों कलंक लगवाऊ, इसलिए मैं रुक गई मुझे अच्छी बुद्धि आ गई, और मैंने अपना प्रिये नौलखा हार इस को इनाम में दे दिया है।
युवराज ने नर्तकी को दिया अपना मुकुट (The crown prince gave his crown to the dancer)
युवराज ने कहा पिताजी कुछ मेरे साथ भी ऐसा हुआ है, मेरी उम्र होती जा रही है, बड़ा होता जा रहा हूं, कब से इंतजार कर रहा हूं, कि आप मुझे सिंहासन पर बैठने नहीं दे रहे है।
सच बताऊ तो आज की रात मैं सैनिकों के साथ मिलकर आपको मारने वाला था, अगला महाराजा बनने वाला था।
लेकिन नर्तकी के दोहे ने मुझे बताया कि कितना समय और बचा है, तुझे भी सिंहासन मिलेगा सबर रख।
यह एक गलती की के कारण अपने पिता का खून अपने अपने ऊपर क्यों लेता है, पिता का खून क्यों करता, यह कलंक अपने माथे पर क्यों लेता है।
उस नर्तकी के दोहरे ने मुझे समझा दिया।
राजा की आंखें खुल गई, नर्तकी सोचने लगी कि उसके एक दोहे का मतलब सब ने अपने-अपने हिसाब से निकाल लिया।
वह खुद क्या कर रही है, उसको खुद भी यह काम बंद करके कुछ और करना चाहिए राजा को समझ में आ गया।
राजा को समज आ गया कि बहु बीती, थोड़ी रही यह एक गलती की वजह से कलंक क्यों लगवाना, राजा ने भी अपनी गलतियों को सुधारना शुरू किया, और जल्दी से जल्दी बेटी का विवाह करवा दिया।
उसकी पसंद के राजकुमार से और बेटे को सिंहासन सौंप दिया, और खुद जंगल में चला गया संन्यास लेकर।
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कहानी से शिक्षा (Short Story in Hindi) A King Was Growing Old
यह एक छोटी सी कहानी है, लेकिन यह दोहा हम सबको यह समझाता है की,
bahu biti, thodi rahi, pal-pal gaee bihaay, ek palak ke kaaran se, kyon kalank lag jae
लाइफ में हम बहुत पेशन्स के साथ, बहुत सब्र के साथ आगे बढ़ते हैं, अपनी मंजिल की तरफ बढ़ते हैं, अपने टारगेट को अचीव करने के लिए बढ़ते हैं।
लेकिन कई बार हमें लगता है, कि हम आगे नहीं कर पाएंगे हमारा सब्र टूटने लगता है, बहुत हो गया कुछ और करते हैं।
(बहु बीती, थोड़ी रही) थोड़ा समय बचा है, थोड़ा सा और सब्र लेकर चलिए, आप अपनी मंजिल तक पहुंच जाएंगे एक बार फिर से कहना चाहता हूं, जो अक्सर कहता हूं। कर दिखाओ ऐसा कि दुनिया आपके जैसा करना चाहे।