Dharmik kahani, कैसे महेंदीपुर बालाजी ने हमें प्रेत से बचाया
दोस्तों आपका स्वागत है हमारी वेबसाइट stories.technologydevesh.com पर अगर आपको स्टोरी अच्छी लगे तो शेयर करें और हमे कमेंट भी करें Moral Short Stories in Hindi (Dharmik Kahani ) हमे अपनी जीवन में आगे बढ़ने की सही राह दिखाई देती है निराशा आशा में बदल जाती है ऐसी कहानी से Motivate होते है क्यों भगवान राम और हनुमान जी की लडाई हुई- Dharmik Kahani Dharmik kahani, कैसे महेंदीपुर बालाजी ने हमें प्रेत से बचाया
हम सब कहाँ गए थे
एक बार की बात है में और मेरे साथी मेहंदीपुर बालाजी के लिए निकले उसमे से कुछ दोस्त आस्तिक नहीं थे फिर भी जाने के लिए त्यार हो गए और
Read also :Dharmik Kahani, क्यों मेघनाद को केवल लक्षमण जी ही मार सकते थे
हम लोग बालाजी का नाम लेके घर से निकल गए जैसे ही रस्ते में पहुंचे जयपुर के पास कुछ दोस्त जो नास्तिक थे उलटी बात करना शुरू कर दिया और उन्होंने बालाजी जाते वक्त लहसुन और पियाज खाया
नास्तिक दोस्त की वजह से क्या हुआ था
फिर अचानक ऐसा हुआ की हमारी कार घूमती रही और रास्ता न मिला फिर सब दोस्त कहने लगे की रींगस में भैरों मंदिर है वहां चलते है फिर जब बालाजी का रास्ता यही मिला कार जहाँ से चलना शुरू किया २ ऑवर घूम कर वहीँ पर आ गए और जब हम भैरों मंदिर
रास्ते में हमें कौन मिला
रींगस के लिए निकले तो वहां रास्ते में एक आदमी दिखा जो कार से भी तेज चल रहा था हम सब डर गए जो दोस्त नास्तिक थे उन्होंने भी भगवान का नाम लेना शुरू कर दिया बाला जी महाराज का नाम और
वो प्रेत कैसे गायब हुआ
हम सब ने मिलकर हनुमान चालीसा का पाठ करना शुरू कर दिया जैसे ही हमारी हनुमान चालीसा सम्पूर्ण हुई वो हवा गायब हो गई हम सबकी हार्ट बीट तेज हो गयी हाथ पैर पूरा शरीर कैंप रहा था थोड़ी देर बाद हमें बालाजी का रास्ता भी दिखा और रास्ते में एक बाबा मिले
Read also :Vidyaavaan Aur Vidvaan Mein Fark – विद्यावान और विद्वान में फर्क Dharmik kahani, कैसे महेंदीपुर बालाजी ने हमें प्रेत से बचाया
संत ने क्या बताया
उन्होंने बोलै की बालाजी की कृपा से आप सब बच गए वो प्रेत बोहोत खतरनाक था हम सबने उन संत के पैर छुए और आशीर्वाद लेके बालाजी मंदिर पहुंचे बालाजी से मांफी मांगी सब ने और जो नास्तिक दोस्त थे वो चमत्कार देख कर अब आस्तिक बन गए थे बालाजी की कृपा आप सब पर बानी रहे
जय बालाजी महाराज