Dharmik Kahani कहाँ हुआ राधा रानी और भगवन कृष्ण का विवाह

Dharmik Kahani कहाँ हुआ राधा रानी और भगवन कृष्ण का विवाह

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भगवान श्री कृष्ण और राधा रानी के बारे में यह माना जाता है कि इन दोनों के बीच प्रेम संबंध था। जबकि असलियत यह है कि कृष्ण और राधा के बीच प्रेम से बढ़कर दूसरा नाता था ।

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विवाह का शाक्छी कौन है Dharmik Kahani , Moral Short Stories in Hindi

यह नाता है पति-पत्नी का लेकिन इस रिश्ते के बारे केवल 3 लोगों को पता  1 तो कृष्ण, 2  राधा रानी और 3  ब्रह्मा जी जिन्होंने , कृष्ण राधा का विवाह करवाया था।

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 लेकिन इन तीनों में आपके कोई भी इस बात की गवाही देने नहीं आएगा। लेकिन जिस स्थान पर इन दोनों का विवाह हुआ था वहां के वृक्ष आज भी राधा कृष्ण के प्रेम और मिलन की गवाही देते हैं। तब राधा कृष्ण का विवाह संपन्न हुआ

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कहाँ हुआ था राधा कृष्ण का विवाह

गर्ग संहिता के अनुसार मथुरा के पास स्थित भांडीर वन में भगवान श्री कृष्ण और देवी राधा का विवाह हुआ था। इस संदर्भ में कथा है कि एक बार नंदराय जी बालक श्री कृष्ण को लेकर भांडीर वन से गुजर रहे थे।

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उसे समय आचानक देवी राधा प्रकट हुई। देवी राधा के दर्शन पाकर नंदराय जी ने श्री कृष्ण को राधा जी की गोद में दे दिया

कृष्ण राधा  विवाह किसने करवाया Dharmik Kahani , Moral Short Stories in Hindi

भगवान कृष्ण बाल रूप छोड़कर किशोर बने  फिर ब्रह्मा जी भी वहां आये और  ब्रह्मा जी ने कृष्ण जी  का विवाह राधा  जी  से करवाया । कुछ Time के लिए  कृष्ण राधा के संग वहीँ उस वन में रहे बाद में देवी राधा ने कृष्ण को उनके बाल रूप में नंदराय जी को दे दिया

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राधा जी की मांग सिंदूर

भांडीर वन में श्री राधा जी और भगवान श्री कृष्ण का मंदिर बना हुआ है। इस मंदिर में स्थित विग्रह अपने आप अनोखा है क्योंकि यह अकेला ऐसा विग्रह है जिसमें श्री कृष्ण भगवान राधा जी की मांग में सिंदूर भरते हुए दृश्य हैं। यहां सोमवती अमावस्या के अवसर पर मेला लगता है। किवदंती है कि भांडीर वन के भांडीर कूप में से हर सोमवती अमावस्या के दिन दूध की धारा निकलती है। मान्यता है कि इस अवसर पर यहां स्नान पूजा करने से निःसंतान दंपत्ति को संतान सुख मिलता है।

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यहाँ आज भी सुनाई देती है कृष्ण जी की  बंसी आवाज Dharmik Kahani , Moral Short Stories in Hindi

भांडीर वन के पास ही बंसीवट नामक स्थान है। कहते हैं भगवान श्री कृष्ण यहां पर गायों को चराने आया करते थे। देवी राधा यहां पर श्री कृष्ण से मिलने और बंसी की तान सुनने आया करती थी। यहां मंदिर के वट वृक्ष के विषय में मान्यता है कि अगर आप कान लगकर ध्यान से सुनेंगे तो आपको बंसी की ध्वनि सुनाई

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