Dharmik Katha Hindi क्यों अश्वत्थामा ने श्रीकृष्ण जी का चक्र लिया

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Dharmik Katha Hindi क्यों अश्वत्थामा ने श्रीकृष्ण जी का चक्र लिया

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महारथी अश्वत्थामा- Dharmik Katha Hindi

महारथी अश्वत्थामा जो श्रीकृष्ण का सुदर्शन चक्र चाहता था द्रोणाचार्य ने कौरवों और पांडवों को धनुर्विद्या की शिक्षा दी थी। द्रोणाचार्य का एक पुत्र था जिसका नाम अश्वत्थामा था। अश्वत्थामा ने भी अपने पिता द्रोणाचार्य और मामा कृपाचार्य से धनुर्विद्या सीखी और स्वयं एक महान धनुर्धर बन गये।

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क्यों अश्वत्थामा ने  भगवन कृष्ण से व्यपार किया- Dharmik Katha Hindi

अश्वत्थामा ने धनुष-बाण चलाने के गुप्त विद्या सीखी और जल्द ही महारथी बन गया अश्वत्थामा को ये बात पता थी कि भगवान श्रीकृष्ण ने पांडवों को आशीर्वाद दिया है। अश्वत्थामा  सोचा, यह मेरे पास  श्रीकृष्ण के पास जाने और उनसे कुछ पाने का मौका  है। वह भगवान् श्रीकृष्ण के पास गया और कहा की , “मैं आपको अपना सबसे शक्तिशाली हथियार ब्रह्मशिरा आपको दे सकता हूं।

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यह किसी को भी मार सकता है जिसके विरुद्ध इसका उपयोग किया जाता है। क्या आप बदले में मुझे अपनी दिव्य चक्र (सुदर्शन चक्र) देंगे? क्या आप मेरे साथ इसका व्यापार करेंगे?” श्रीकृष्ण ने कहा, “अद्भुत! मैं इसे बदलने के लिए तैयार हूं. कृपया इसे लें।” इतना कहकर उन्होंने अश्वत्थामा के लिए सुदर्शन चक्र आगे बढ़ाया।

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अश्वत्थामा  ने भगवन कृष्ण से क्या माँगा

तुरंत, अश्वत्थामा ने चक्र लेने की कोशिश की, लेकिन उसके लिए इसे उठाना तो दूर, उसे हिलाना भी असंभव था।

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अश्वत्थामा क्यों लज्जित हुआ- Dharmik Katha Hindi

 श्रीकृष्ण मुस्कुराए, “युवक, तुम मेरा हथियार भी नहीं उठा सकते। आप इसका उपयोग कैसे करने जा रहे हैं?” अश्वत्थामा लज्जित  हो गया ओर उसको अपनी गलती महसूस हुई भगवान की किसी भी चीज़ को उनके अलावा दूसरा ओर कोई नही संभाल सकता

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