How to Learn Hanuman Chalisa (हनुमानजी के 10 नाम हिंदी अर्थ सहित)

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हनुमानजी के 10  नाम हिंदी अर्थ सहित (How to Learn Hanuman Chalisa)

सभी भक्तों को राम राम  हनुमानजी की पूजा करने से पहले प्रभु श्री राम का नाम अवश्ये ले आपके  मनोकामना राम दूत हनुमानजी पूरी करेंगे पूजा में पवित्रता का विशेष ध्यान रखे (hanuman ji ke naam)

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hanumanji ke naam hindi arth sahit

1. मारुति : हनुमानजी का बचपन  का नाम

2. अंजनी पुत्र : हनुमान जी  की माता का नाम अंजना है  इसीलिए उनको   आंजनेय पुत्र  भी कहते है

3. केसरीनंदन : हनुमानजी के पिता जी का नाम केसरी है   उनकों  केसरीनंदन भी कहते  है।

4. हनुमान : जब बचपन में हनुमानजी ने सूर्य को अपने मुंह में ले लिया था तो इंद्र ने क्रोधित होकर हनुमान पर अपने वज्र से प्रहार  किया। वह वज्र  के प्रहार  से हनुमान जी की हनु  यानी ठोड़ी पर लगा। इससे उनकी ठोड़ी टूट गई इसीलिए उनका नाम हनुमान कहा जाने लगा। ( How to Learn Hanuman Chalisa )(hanuman ji ke naam)

4. पवन पुत्र : उन्हें वायु देवता का पुत्र भी माना जाता है,    मारुत को उस वायु भी कहा जाता था। मारुत अर्थात वायु, इसलिए उन्हें मारुति नंदन भी कहा जाता है। उनमें पवन के वेग के समान उड़ने की शक्ति है  उसी कारण पवन पुत्र  नाम दिया गया।

6. शंकरसुवन : हनुमाजी को शंकर सुवन मतलब उनको  शंकर जी के  पुत्र भी माना जाता है क्योंकि वे शंकर जी के  रूद्र  रुद्रावतार है

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7. बजरंगबली :  वज्र के समान कठोर अर्थात बलवान शरीर होने के कारण उनको बजरंगबली  कहते है । अर्थात वज्र के समान अंग वाले बलशाली। लेकिन यह शब्द ब्रज और अवधि के संपर्क में आकर बजरंगबली हो गया। बोलचाल की भाषा में बना बजरंगबली भी सुंदर शब्द है। (How to Learn Hanuman Chalisa)(hanuman ji ke naam)

8. कपिश्रेष्ठ : हनुमानजी का जन्म , कपि नामक वानर जाति में हुआ था। ग्रंथों में हनुमानजी और उनके बांधव सुग्रीव अंगदादि के नाम के साथ वानर, कपि, शाखामृग, प्लवंगम  विशेषण प्रयुक्त किए। उनकी पुच्छ, लांगूल, बाल्धी और लाम से लंकादहन हुआ  इसका प्रमाण है कि वे वानर थे। रामायण में वाल्मीकि जी और तुलसीदास ने जहां उन्हें विशिष्ट पंडित, राजनीति में धुरंधर और वीर-शिरोमणि बताया गया  है

9 रामदूत : प्रभु श्रीराम का कार्य करने वाले इसलिए उनको राम दूत कहते है । (How to Learn Hanuman Chalisa)(hanuman ji ke naam)

10 . पंचमुखी हनुमान :  जब राम और लक्षमण जी को अहिरावण पाताल लोक ले गया और हनुमान जी  पातल लोक में अहिरावण का वध करने जब वे गए तो वहां पांच दीपक उन्हें पांच जगह पर पांच दिशाओं में दिखे ,  इन पांचों दीपक को एक साथ बुझाने पर अहिरावन का वध हो जाएगा उसको हनुमान जी ने एक साथ बुझाने पर अहिरावण मारा गया  इसी कारण हनुमान जी ने पंचमुखी रूप धरा। (How to Learn Hanuman Chalisa)(hanuman ji ke naam)

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हनुमान जी के 108 नाम शनिवार और मंगलवार को पड़ने मात्र से आपके सब कष्ट दूर होंगे (hanuman ji ke naam)

1. भीमसेन सहायकृते
2. कपीश्वराय
3. महाकायाय
4. कपिसेनानायक
5. कुमार ब्रह्मचारिणे
6. महाबलपराक्रमी
7. रामदूताय
8. वानराय
9. केसरी सुताय
10. शोक निवारणाय
11. अंजनागर्भसंभूताय
12. विभीषणप्रियाय
13. वज्रकायाय
14. रामभक्ताय
15. लंकापुरीविदाहक
16. सुग्रीव सचिवाय
17. पिंगलाक्षाय
18. हरिमर्कटमर्कटाय
19. रामकथालोलाय
20. सीतान्वेणकर्त्ता
21. वज्रनखाय
22. रुद्रवीर्य
23. वायु पुत्र
24. रामभक्त
25. वानरेश्वर
26. ब्रह्मचारी
27. आंजनेय
28. महावीर

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29. हनुमत
30. मारुतात्मज
31. तत्वज्ञानप्रदाता
32. सीता मुद्राप्रदाता
33. अशोकवह्रिकक्षेत्रे
34. सर्वमायाविभंजन
35. सर्वबन्धविमोत्र
36. रक्षाविध्वंसकारी
37. परविद्यापरिहारी
38. परमशौर्यविनाशय
39. परमंत्र निराकर्त्रे
40. परयंत्र प्रभेदकाय
41. सर्वग्रह निवासिने
42. सर्वदु:खहराय
43. सर्वलोकचारिणे
44. मनोजवय
45. पारिजातमूलस्थाय
46. सर्वमूत्ररूपवते
47. सर्वतंत्ररूपिणे
48. सर्वयंत्रात्मकाय
49. सर्वरोगहराय
50. प्रभवे
51. सर्वविद्यासम्पत
52. भविष्य चतुरानन
53. रत्नकुण्डल पाहक
54. चंचलद्वाल
55. गंधर्वविद्यात्त्वज्ञ
56. कारागृहविमोक्त्री
57. सर्वबंधमोचकाय
58. सागरोत्तारकाय
59. प्रज्ञाय
60. प्रतापवते
61. बालार्कसदृशनाय
62. दशग्रीवकुलान्तक
63. लक्ष्मण प्राणदाता
64. महाद्युतये
65. चिरंजीवने
66. दैत्यविघातक
67. अक्षहन्त्रे
68. कालनाभाय
69. कांचनाभाय
70. पंचवक्त्राय
71. महातपसी
72. लंकिनीभंजन
73. श्रीमते
74. सिंहिकाप्राणहर्ता
75. लोकपूज्याय
76. धीराय
77. शूराय
78. दैत्यकुलान्तक
79. सुरारर्चित
80. महातेजस
81. रामचूड़ामणिप्रदाय
82. कामरूपिणे
83. मैनाकपूजिताय
84. मार्तण्डमण्डलाय
85. विनितेन्द्रिय
86. रामसुग्रीव सन्धात्रे
87. महारावण मर्दनाय
88. स्फटिकाभाय
89. वागधीक्षाय
90. नवव्याकृतपंडित
91. चतुर्बाहवे
92. दीनबन्धवे
93. महात्मने
94. भक्तवत्सलाय
95.अपराजित
96. शुचये
97. वाग्मिने
98. दृढ़व्रताय
99. कालनेमि प्रमथनाय
100. दान्ताय
101. शान्ताय
102. प्रसनात्मने
103. शतकण्ठमदापहते
104. योगिने
105. अनघ
106. अकाय
107. तत्त्वगम्य
108. लंकारि

(How to Learn Hanuman Chalisa)

FAQs hanumanji Puja,naam and Mantras (How to Learn Hanuman Chalisa)

हनुमान पूजा के लिए किस तेल का उपयोग किया जाता है?

 हनुमान जी को चोला चढ़ाने के लिए आप सिन्दूर के साथ चमेली के तेल का उपयोग करते  हैं।

हनुमान कितने रूप लेते हैं?

हनुमान जी के पंचमुखी अवतार के पांच मुख हैं, जो शेर, चील, घोड़े, बंदर, वराह रूप के हैं। ये अवतार उन्होंने :  जब राम और लक्षमण जी को अहिरावण पाताल लोक ले गया और हनुमान जी  पातल लोक में अहिरावण का वध करने जब वे गए तो वहां पांच दीपक उन्हें पांच जगह पर पांच दिशाओं में दिखे ,  इन पांचों दीपक को एक साथ बुझाने पर अहिरावन का वध हो जाएगा उसको हनुमान जी ने एक साथ बुझाने पर अहिरावण मारा गया  इसी कारण हनुमान जी ने पंचमुखी रूप धरा।

भगवान हनुमान का पसंदीदा रंग

  लाल रंग हनुमानजी  का पसंदीदा और मंगल का भी रंग ये ही है

हनुमान को उनका नाम किसने दिया?

जब बचपन में हनुमानजी ने सूर्य को अपने मुंह में ले लिया था तो इंद्र ने क्रोधित होकर हनुमान पर अपने वज्र से प्रहार  किया। वह वज्र  के प्रहार  से हनुमान जी की हनु  यानी ठोड़ी पर लगा। इससे उनकी ठोड़ी टूट गई इसीलिए उनका नाम हनुमान कहा जाने लगा।

हनुमानजी के 7 नाम कौन कौन से हैं?

ऊं हनुमान

अंजनीसुत

वायुपुत्र

महाबल

रामेष्ट

फाल्गुण सखा

पिंगाक्ष अमित विक्रम हनुमानजी के 108 नाम ऊपर दिए गए है

हनुमान के 12 नामों का क्या महत्व है?

हनुमानजी के 12 नामों  जप करने वाले व्यक्ति की  हनुमानजी महाराज  रक्षा करते हैं।

हनुमान जी को कितने नामों से जाना जाता है?

हनुमानजी के 108 नाम है रोजाना नाम जाप से आपके सब कष्ट दूर होंगे

हनुमान जी का असली मंत्र कौन सा है?

वैसे तो किसी भी मंत्र का जाप करो भगवन स्वीकार करते है और ये एक विशेष मन्त्र है :ॐ नमो भगवते आंजनेयाय महाबलाय स्वाहा,

हनुमान जी का गुप्त मंत्र क्या है?

सफलता और रक्षा के लिए  हनुमान मंत्र: ओम नमो भगवते आंजनेय महाबलाय स्वाहा असीमित शक्ति वाला एक बहुत ही गुप्त भगवान हनुमान मंत्र है

हनुमान जी को बुलाने का मंत्र क्या है?

हनुमानजी के भक्ति करें कोई भी सिद्धि बिना गुरु के न करें ओम नमों हनुमते रुद्रावताराय विश्वरूपाय अमित विक्रमाय प्रकटपराक्रमाय महाबलाय सूर्य कोटिसमप्रभाय रामदूताय स्वाहा। – ओम नमो हनुमते रुद्रावताराय सर्वशत्रुसहांरणाय सर्वरोगाय सर्ववशीकरणाय रामदूताय स्वाहा।

हनुमानजी की सिद्धि कैसे करें ?

भक्तों बिना गुरु के कोई भी सिद्धि नहीं करनी चाहिए इसके परिणाम सही नहीं होते गुरु के मार्गदर्शन से ही कार्य करें वैसे हनुमानजी को खुश करने के लिए प्रभु श्री राम का नाम का जाप करें

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