केदारनाथ मंदिर की एक भक्त सच्ची, Dharmik Kahani

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केदारनाथ को क्यों कहते हैं जागृत महादेव ( केदारनाथ मंदिर की एक भक्त सच्ची, Dharmik Kahani)

भक्तों आपको एक ऐसी कहानी सुनाने जा रहा हूँ एक भक्त को भगवन शिव के साक्षात् दर्शन हुए केदारनाथ मंदिर की एक भक्त सच्ची , Dharmik Kahani

सबका भला करो भगवान सबको दो भक्ति का ज्ञान

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शिव भक्त अपने गांव  से पैदल निकला केदारनाथ के लिए

 शिव-भक्त अपने गांव से पैदल  केदारनाथ धाम की यात्रा पर निकला गया पहले कोई भी  यातायात की सुविधाएँ होती थी  और वह पैदल ही निकल पड़ा

उसको  रास्ते में जो भी मिलता उस से  केदारनाथ का मार्ग पूछ लेताऔर आगे बाद चलता वह अपने  मन में भगवान शिव का ध्यान करता था  चलते चलते कई महीन बीत गए थे  आखिर में एक दिन वो केदार धाम पहुच ही गया

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केदारनाथ मंदिर के द्वार 6 महीने खुलते है और 6 महीने के लिए बंद

जैसे ही भक्त केदारनाथ पहुंचा मंदिर बंद का समय आ गया

केदारनाथ मंदिर के द्वार 6 महीने खुलते है और 6 महीने बंद रहते  वो  उस  टाइम  पर पहुचा जब मन्दिर के द्वार बंद हो रहे थे

 पंडित ने  उसने बताया  की वह बहुत दूर से महीनो की यात्रा  पैदल करके आया है उसने  पंडित जी से प्रार्थना भी की  कृपा कर के दरवाजे  को खोल कर प्रभु के दर्शन करवा दीजिये मुझे बोहोत दूर से आया हूँ

पंडित  ने मंदिर के द्वार नहीं खोले (केदारनाथ मंदिर की एक भक्त सच्ची , Dharmik Kahani)

 वहां  नियम है एक बार मंदिर  बंद तो बंद हो गया खोला नहीं जाता  वह बहुत रोया और बार-बार भगवन शिव को याद करने लगा  कि प्रभु बस एक बार दर्शन करा दो। दुखी होकर वह प्रार्थना कर रहा था सभी से, लेकिन किसी ने भी नही सुना  पंडित जी कहा आप  यहाँ 6 महीने  के बाद आना, 6 महीने बाद यहा के दरवाजे  दुबारा खुलेंगे

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भक्त का भगवन पर विश्वास

यहाँ पर  6 महीने बर्फ और ढंड पड़ती , और सभी लोग यहाँ  चले जाते है और  वह वही पर रोता रहा रोते-रोते रात होने लगी चारो तरफ अँधेरा हो रहा था  लेकिन उसे विस्वास था की भगवान अपने शिव पर कि  पुकार जरूर सुनेगे वो जरुर कृपा करेगे (केदारनाथ मंदिर की एक भक्त सच्ची, Dharmik Kahani)

उसे  भुख और प्यास भी लग रही थी, उसने  आने की आहट सुनी तो  देखा एक सन्यासी बाबा उसकी ओर आ रहे  है और वो   सन्यासी बाबा उस के पास आया और पास में बैठ गया

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सन्यासी ने भक्त से पूंछा (केदारनाथ मंदिर की एक भक्त सच्ची,  Dharmik Kahani)

 सन्यासी बोलै  बेटा कहाँ से आये हो तुम  उस ने अपना सारा  हाल बता दिया और बोला मेरा आना यहाँ पर आना  व्यर्थ हो गया बाबा  बाबा जी ने उसे समझाया और उसको खाना भी दिया,

 फिर बहुत देर तक बाबा उससे बाते करते रहे  बाबा  को उस पर बोहोत दया आई  वह बोले, बेटा मुझे लगता है,

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भक्त को हुए भगवन के दर्शन

सुबह मन्दिर जरुर खुलेगा तुम दर्शन जरुर करोगे बातों में इस भक्त को ना जाने कब नींद आ गई  सूर्य के  प्रकाश के साथ भक्त की आँख खुली। उसने इधर उधर बाबा को देखा, लेकिन  वहां कोई नहीं था

पंडित मंदिर खोले के लिए आए

 इससे पहले कि वह कुछ समझ पाता उसने वहां  देखा पंडित जी आ रहे है  उस ने पंडित को प्रणाम किया और बोला कल आप ने तो कहा था मन्दिर 6 महीने बाद खुलेगा

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और इस बीच कोई भी  नहीं आया  यहाँ, पर  आप तो सुबह ही आ गये पंडित जी ने उसे  देखा, पहचानने की कोशिश  भी की और पुछा

  6 महीने 1  रात में बदल गए  (केदारनाथ मंदिर की एक भक्त सच्ची , Dharmik Kahani)

तुम  तो वही हो जो मंदिर का द्वार बंद होने पर आये थे  जो मुझे मिले थे क्या  6 महीने होते ही वापस आ गए

भक्त के साथ हुआ चमत्कार

उस आदमी ने आश्चर्य से कहा नही, मैं कहीं नहीं गया कल ही तो आप मिले थे,मुझे रात में  यहीं सो गया ,. मैं कहीं नहीं गया, पंडित जी के आश्चर्य का ठिकाना नहीं रहा उन्होंने कहा

लेकिन मैं 6 महीने पहले मंदिर बन्द करके गया और आज 6 महीने बाद मंदिर खोलने आया  हूँ तुम यहाँ 6  महीने कैसे  जिन्दा रहे

भक्त 6  महीने तक कैसे जिन्दा रहा

 पंडित जी और लोग  हैरान थे कैसे  इतनी सर्दी में एक अकेला व्यक्ति कैसे 6  महीने तक जिन्दा रह सकता है तब उस भक्त ने उनको सन्यासी बाबा के मिलने और उसके बारे में बताया

भक्त को हुए भगवन शिव के दर्शन

सन्यासी बाबा के मिलने वाली  सारी बाते बता दी, कि एक सन्यासी बाबा आया थे  लम्बा था, बढ़ी-बढ़ी जटाये, एक हाथ में त्रिशुल और एक हाथ में डमरू लिए, मृग-शाला पहने हुआ था

भक्त के सामने सब लोग छुक गए

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भगत के वश में है भगवान्

पंडित जी और वहां के सब लोग उसके चरणों में गिर पड़े.  बोले, हमने तो प्रभु की भक्ति में  जिंदगी लगा दी अपनी  किन्तु प्रभु के दर्शन  फिर भी ना पाए , सच्चे भक्त तो आप  होजो  अपने  साक्षात भगवान शिव के दर्शन किये है

भगवान् ने अपनी  योग-माया से तुम्हारे 6 महीने को एक रात में परिवर्तित कर दिया (केदारनाथ मंदिर की एक भक्त सच्ची,  Dharmik Kahani)

भगवान् ने अपनी  योग-माया से तुम्हारे 6 महीने को एक रात में परिवर्तित कर दिया। काल-खंड को छोटा कर दिया। यह सब तुम्हारे पवित्र मन, तुम्हारी श्रद्वा और विश्वास के कारण ही हुआ है

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