Panchtantra Story in Hindi, बत्तख और मेंढक
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बत्तख और मेंढक कहाँ रहते थे
एक बार की बात है एक जंगल में बत्तख और मेंढक एक खेत में जहां कई जानवर एक साथ रहते थे, एक बत्तख ख़ुशी से चिल्ला रही थी।
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बत्तख क्यों खुश थी
उसने अभी-अभी एक अंडा दिया था, और उसे इस खुशी को खेत के हर दूसरे जानवर के साथ साझा करने का मन हुआ। बत्तख की आवाज़ ने तालाब के बगल में रहने वाले एक क्रोधी मेंढक को परेशान कर दिया।
मेंढक क्यों परेशान था
उसने शिकायत की, बत्तख इतना शोर क्यों कर रही है जब वह शोर बर्दाश्त नहीं कर सका, तो वह बत्तख के पास गया और बोला की बत्तख, आप क्यों चिल्ला रही हो क्या आप कृपया थोड़ा शांत हो सकती हैं? मैं दोपहर की झपकी ले रहा था।
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बत्तख ने क्या जबाब दिया मेंढक को
बत्तख ने उत्तर दिया, “जब आप रात में टर्र-टर्र करते हैं तो मैं कभी भी तुमसे शिकायत नहीं करती। मैं इसलिए टर्र-टर्र कर रही हूं क्योंकि मैंने अभी-अभी अंडा दिया है।
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तुम मेरी खुशी बर्बाद करने के लिए यहां क्यों आए हो वहां पर सभी जानवर मेंढक को गुस्से देखने लगे फिर सब एक तरफ से तो मेंढक भी जश्न में शामिल हो गया। सब ख़ुशी मानाने लगे
कहानी की शिक्षा: Panchtantra Story in Hindi, बत्तख और मेंढक
बच्चों हमें कभी भी दूसरों की ख़ुशी पर चिड़ते नहीं बल्कि उसकी ख़ुशी में शामिल होना चाहिए