भगवान शिव जिन को अपनी आंख अर्पित करने वाला भक्त (Shiv Bhakt, Dharmik Kahani)
एक सच्चा शिव भक्त जिसका नाम थिम्मन था एक दिन शिकार के लिए गया उसको जंगल में मंदिर दिखा उसमे शिवलिंग था।
भोलेपन में शिव भक्त ने भगवान शिव को किया मांस अर्पित
थिम्मन के मन में भगवान शिव के लिए प्रेम भर आया और उसने वहां कुछ अर्पण करने का मन हुआ परन्तु उसको समझ नहीं आया कि कैसे किस विधि पूजा करे वो बोहोत भोला था भोलेपन में अपने पास मौजूद मांस को उसने शिवलिंग पर अर्पित कर दिया
फिर वो खुश होकर चला गया कि शिव जी ने उनका चढ़ावा स्वीकार कर लियाहै उस मंदिर को एक ब्राह्मण देख रेख करता था जो मंदिर से बोहोत दूर रहता था
वो ब्राह्मण भी शिव का भक्त था लेकिन वह रोजाना इतनी दूर मंदिर तक नहीं आ सकता, इसलिए वह पंद्रह दिनों में एक बार मंदिर आता था (Shiv Bhakt, Dharmik Kahani)
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ब्राह्मण शिव भक्त ओर उसकी आस्था
अगले दिन जब ब्राह्मण वहां आया , तो शिव लिंग के बगल में मांस का टुकड़ा पड़ा देखकर वह भौंचक्का रह गया और यह सोचते लगा कि किसी जानवर ने ये काम किया होगा, उसने उस मंदिर की सफाई की अपनी पूजा की और चला गया।
अगले दिन फिर से थिम्मन शिव पर मांस अर्पण करने के लिए लाया उसको कोई पूजा पाठ की नहीं आती थी परन्तु दिल का सच्चा था और वह वहां बैठकर शिव जी से अपने दिल की बात करने लगा अब वो मांस चढ़ाने के लिए रोजना आने लगा (Shiv Bhakt, Dharmik Kahani)
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भोले का भोला शिव भक्त
एक दिन उसको लगा कि शिवलिंग की सफाई जरूरी बोहोत जरूरी है लेकिन उनके पास वहां पर पानी लाने का कोई लाने कोई बरतन नहीं था। इसलिए वह झरने तक गए और अपने मुंह में पानी भर कर लाया और फिर वही पानी शिवलिंग पर डाल दिया सवाई के लिए (Shiv Bhakt, Dharmik Kahani)
ब्राह्मण को मंदिर में क्या दिखाई दिया
जब ब्राह्मण फिर से मंदिर आया तो उसको मंदिर में मांस का टुकड़ा और शिवलिंग पर थूक देखकर घृणा से भर गया
उसको पता लगा कि कोई जानवर ऐसा नहीं कर सकता यह कोई इंसान ही कर सकता है (एक सच्चा शिव भक्त जिसका नाम थिम्मन था एक दिन शिकार के लिए गया)
ब्राहमण ने मंदिर को शुद्ध किया
ब्राह्मण ने फिर से मंदिर को साफ किया, शिवलिंग को शुद्ध करने के लिए मंत्र पढ़े फिर पूजा पाठ करके चला गया परन्तु इस बार आने पर उसे शिवलिंग उसी अशुद्ध अवस्था में मिलता।
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ब्राह्मण ने रोते हुए भगवान शिव से पूंछा
एक दिन आंसुओं भर गया दुखी होकर भगवान शिव से पूछा हे देवों के देव, आप अपना इतना अपमान कैसे सेहन कर सकते हैं। (Shiv Bhakt, Dharmik Kahani)
भगवान शिव जी बोले
जिसे तुम अपमान कह रहे हो , वह एक दूसरे भक्त का अर्पण है(Shiv Bhakt, Dharmik Kahani)
भगवान शिव भक्त की भक्ति में कैसे बंध गये
मैं उसकी भक्ति से बंधा हुआ हूं वो बोहोत भोला भक्त है वह जो भी अर्पित करता है, उसे स्वीकार करता हू में
भगवान शिव बोले अगर तुम उसकी भक्ति की गहराई देखना चाहते हो, तो पास में कहीं जा कर छिप जाओ देखो
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वह आने वाला है ब्राह्मण फिर एक झाड़ी के पीछे छिप गया
शिव भक्त थिम्मन मांस और पानी के साथ में लाया । उसने देखा और आश्चर्य हुआ कि शिव हमेशा की तरह उसका चढ़ावा स्वीकार नहीं कर रहे। वह सोचने लगा कि उस से कोई पाप किया है।
शिव भक्त ने अपनी आंख भगवान शिव को अर्पित की
भगवान शिव ने भक्त की परीक्षा कैसे ली
फिर उसने लिंग को करीब से देखा तो उसको दिखा कि लिंग की दाहिनी आंख से कुछ रिस रहा है उसने तब उस आंख को ठीक करने के लिए जड़ी-बूटी लगाई वहां पर ताकि वह ठीक हो जाए लेकिन उससे और रक्त निकलने लगा फिर उसके मन में आया कि अपनी आंख देने का फैसला किया। उसने एक चाकू निकाला, अपनी दाहिनी आंख निकाली और उसे शिव लिंग पर रख दिया।ओर फिर रक्त टपकना बंद हो गया फिर भक्त थिम्मन ने राहत भरी सांस ली की सब ठीक हो गया (Shiv Bhakt, Dharmik Kahani )
भगवान शिव भक्त पर प्रसन्न हुए ओर दर्शन दिए
भक्त का ध्यान जब शिव लिंग की बाईं आंख पर गया तो वहां से भी रक्त निकले लगा उसने तुरंत अपनी दूसरी आंख निकालने के लिए चाकू निकाल लिया, फिर उसे लगा कि वह देख नहीं पाएगा कि उस आंख को कहां पर रखना है तो उसने लिंग पर अपना पैर को रखा और अपनी आंख निकाल ली। उसकी इस अपार भक्ति को देखते हुए भगवान , शिव ने भक्त थिम्मन को दर्शन दिए। ओर भक्त की आंखों की रोशनी वापस दी और वह शिव के आगे दंडवत हुआ उसे कन्नप्पा नयनार के नाम से जाना गया। कन्ना यानी आंखें अर्पित करने वाला नयनार का मतलब शिव भक्त (Shiv Bhakt, Dharmik Kahani)
ब्राह्मण भी उस शिव भक्त की भक्ति देख कर नतमस्तक हो गया
भगवान हमेशा भोले भक्त को प्यार करते है भगवान को छल कपट नही पसंद
जय भोले बाबा की
सबका भला करो भगवान सबको दो भक्ति का ज्ञान
FAQs on Shiv Bhakt (Shiv Bhakt, Dharmik Kahani)
शिव भक्त को क्या पहनना चाहिए?
शिवभक्त रुद्राक्ष की माला पहनते है
भोलेनाथ को खुश करने के लिए क्या करना चाहिए?
सोमवार के दिन भोलेनाथ को तिल , जौ अर्पित करें चंदन, अक्षत, बेलपत्र, धतूरा फूल, दूध, गंगाजल चढ़ाएं गरीबों को खाना खिलाये
शिव का बड़ा भक्त कौन है?
रावण को भगवान भोलेनाथ का सबसे बड़ा भक्त माना जाता है
भगवान शिव का पहला भक्त कौन है?
रावण, नंदी या भगवान विष्णु, जब संसार की रक्षा के लिए विष पिया शिवजी ने तभ विषपान करते समय कुछ बूंदे धरती पर गिरी उसको नंदी जी ने चाट लिया नंदी का वो समर्पण देख भगवान शिव प्रसन्न हो गए और उन्होंने नंदी को अपने सबसे बड़े भक्त की उपाधि दी
क्या रावण शिव भक्त था?
हाँ रावण बहुत ही बड़ा शिवभक्त था