सुलोचना और मेघनाथ की कटी भुजा (Sulochana and Meghnath severed arm)

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Dharmik Stories in Hindi , सुलोचना और मेघनाथ की कटी भुजा (Sulochana and Meghnath severed arm)

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सुलोचना कौन थी Dharmik Stories in Hindi , सुलोचना और मेघनाथ की कटी भुजा (Sulochana and Meghnath severed arm)

Sulochana and Meghnath Severed arm
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ऐसी मान्यता है कि एक दिन की बात थी  माता पार्वती भगवान शिव जी  के हाथ में सर्प को बांध रही थी तो वह बोहोत ज्यादा जोर से बांध दिया जिससे उसकी आँख से आसूं की दो बूंदे गिरी पड़ी उस से दो बूंदों से दो कन्याओं का जन्म हुआ था  एक का नाम सुनैना ओर दूसरी का नाम सुलोचना था ओर सुलोचना वासुकी नाग की पुत्री थी ओर रावण के पुत्र मेघनाद की पत्नी थी (Sulochana and Meghnath severed arm)

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लक्ष्मण जी के द्वारा मेघनाथ को मारे जाने पर जब  मेघनाद की दाहिनी भुजा सती सुलोचना के पास जाकर  गिरी फिर सुलोचना ने कहा भुजा से कहा कि’अगर यह मेरे पति की भुजा है तो उनका नाम लिख कर बता करके इस बात को प्रमाणित कर  कटी भुजा ने नाम लिखा और   सच्चाई बताई पूरी लिख कर

सुलोचना क्यों सती हुई (Sulochana and Meghnath severed arm)

 सुलोचना ने प्रण किया कि मुझे अब सती हो जाना चाहिए परन्तु बिना पति के शव के कैसे सती हो सकती थी और उनका शव तो राम दल में था। शव के लिए वो. अपने ससुर रावण के पास गई और शव के लाने के लिए बोलै उस पर रावण ने क्या बोल

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Sulochana and Meghnath severed arm

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मेघनाथ के शव को लाने के लिए रावण का  उत्तर

सुलोचना को कहा कि देवी तुम खुद  ही राम दल में जाओ और अपने पति का शव लाओ वहां पर बालब्रह्मचारी श्रीहनुमानजी है और श्री लक्ष्मण ओर पत्नी वार्ता भगवान श्रीराम है उनके दल में आपको कोई संकट नही

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रावण कैसे ज्ञानी था

रावण को सब पता था भगवान राम जी का भी पर व्व मोक्ष प्राप्त करने के लिए ये सब एक रचनात्मक तरीके से हुआ  रावण ने कहा कि तुम निराश नहीं लोटोगी जब रावण सुलोचना से ये बातें कह रहा था

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मंत्री ने क्या कहा

वहां पर बैठे मंत्री ने कहा कि महाराज  जिनकी पत्नी को आपने बंदि बनाया अशोक वाटिका रखा हुआ है उनके पास अपने बहु को क्यू भेज रहे हो क्या ये ठीक होगा  

यदि सुलोचना वहां गयी तो ठीक ठाक वापस आ जाएगी

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जब रावण ने की श्री राम जी की प्रशंसा

 रावण  ने कहा कि मंत्रियो तुम्हारी बुद्धि  नष्ट हो गयी  यह तो रावण का काम है बुराई वाला  जो की  दूसरे की स्त्री को छल से अपने घर में बंदि बनाकर रखा हुआ है श्री राम जी का नही

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क्यों शत्रु रावण ने भी की श्री राम की प्रशंसा

 धन्य है भगवान श्रीराम का  चरित्र जिसका विश्वास शत्रु रावण ने भी किया और  उनकी प्रशंसा करते करते शब्द कम पड़ गए शत्रु के पास

सती सलोचना अपने पति का शव लाया और उसके साथ फिर सती हुई (Sulochana and Meghnath severed arm)

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