Dharmik Stories in Hindi , सुलोचना और मेघनाथ की कटी भुजा (Sulochana and Meghnath severed arm)
दोस्तों आपका स्वागत है हमारी वेबसाइट stories.technologydevesh.com पर अगर आपको स्टोरी अच्छी लगे तो शेयर करें और हमे कमेंट भी करें Short Dharmik Kahani हमे अपनी जीवन में आगे बढ़ने की सही राह दिखाई देती है निराशा आशा में बदल जाती है ऐसी कहानी से Motivate होते है और आप अपने बच्चों को धार्मिक पुस्तक पढ़ाये और ज्ञान दे Dharmik Stories in Hindi , सुलोचना और मेघनाथ की कटी भुजा
सुलोचना कौन थी Dharmik Stories in Hindi , सुलोचना और मेघनाथ की कटी भुजा (Sulochana and Meghnath severed arm)
ऐसी मान्यता है कि एक दिन की बात थी माता पार्वती भगवान शिव जी के हाथ में सर्प को बांध रही थी तो वह बोहोत ज्यादा जोर से बांध दिया जिससे उसकी आँख से आसूं की दो बूंदे गिरी पड़ी उस से दो बूंदों से दो कन्याओं का जन्म हुआ था एक का नाम सुनैना ओर दूसरी का नाम सुलोचना था ओर सुलोचना वासुकी नाग की पुत्री थी ओर रावण के पुत्र मेघनाद की पत्नी थी (Sulochana and Meghnath severed arm)
Read also : Dharmik kahani, कैसे महेंदीपुर बालाजी ने हमें प्रेत से बचाया
लक्ष्मण जी के द्वारा मेघनाथ को मारे जाने पर जब मेघनाद की दाहिनी भुजा सती सुलोचना के पास जाकर गिरी फिर सुलोचना ने कहा भुजा से कहा कि’अगर यह मेरे पति की भुजा है तो उनका नाम लिख कर बता करके इस बात को प्रमाणित कर कटी भुजा ने नाम लिखा और सच्चाई बताई पूरी लिख कर
सुलोचना क्यों सती हुई (Sulochana and Meghnath severed arm)
सुलोचना ने प्रण किया कि मुझे अब सती हो जाना चाहिए परन्तु बिना पति के शव के कैसे सती हो सकती थी और उनका शव तो राम दल में था। शव के लिए वो. अपने ससुर रावण के पास गई और शव के लाने के लिए बोलै उस पर रावण ने क्या बोल
Sulochana and Meghnath severed arm
Read also :Dharmik Kahani, क्यों मेघनाद को केवल लक्षमण जी ही मार सकते थे
मेघनाथ के शव को लाने के लिए रावण का उत्तर
सुलोचना को कहा कि देवी तुम खुद ही राम दल में जाओ और अपने पति का शव लाओ वहां पर बालब्रह्मचारी श्रीहनुमानजी है और श्री लक्ष्मण ओर पत्नी वार्ता भगवान श्रीराम है उनके दल में आपको कोई संकट नही
Read also :Dharmik kahani दो भक्त की परीक्षा, कौन सा भक्त सफल हुआ
रावण कैसे ज्ञानी था
रावण को सब पता था भगवान राम जी का भी पर व्व मोक्ष प्राप्त करने के लिए ये सब एक रचनात्मक तरीके से हुआ रावण ने कहा कि तुम निराश नहीं लोटोगी जब रावण सुलोचना से ये बातें कह रहा था
Read also :Dharmik Katha Hindi क्यों अश्वत्थामा ने श्रीकृष्ण जी का चक्र लिया
मंत्री ने क्या कहा
वहां पर बैठे मंत्री ने कहा कि महाराज जिनकी पत्नी को आपने बंदि बनाया अशोक वाटिका रखा हुआ है उनके पास अपने बहु को क्यू भेज रहे हो क्या ये ठीक होगा
यदि सुलोचना वहां गयी तो ठीक ठाक वापस आ जाएगी
Read also :Dharmik Kahani, क्यों भगवान राम और हनुमान जी की लडाई हुई
जब रावण ने की श्री राम जी की प्रशंसा
रावण ने कहा कि मंत्रियो तुम्हारी बुद्धि नष्ट हो गयी यह तो रावण का काम है बुराई वाला जो की दूसरे की स्त्री को छल से अपने घर में बंदि बनाकर रखा हुआ है श्री राम जी का नही
Read also :Dharmik Katha क्यों भगवान शिव ने राजा कहा तुम सच्चे भक्त नही हो
क्यों शत्रु रावण ने भी की श्री राम की प्रशंसा
धन्य है भगवान श्रीराम का चरित्र जिसका विश्वास शत्रु रावण ने भी किया और उनकी प्रशंसा करते करते शब्द कम पड़ गए शत्रु के पास
सती सलोचना अपने पति का शव लाया और उसके साथ फिर सती हुई (Sulochana and Meghnath severed arm)